Episodios

  • बाघ के हमले में बचने वाले घनश्याम की आपबीती : Earth शास्त्र, Ep 15
    May 20 2022
    मध्य प्रदेश के खटिया गांव के रहने वाले घनश्याम पर 2013 में बाघ ने हमला किया था लेकिन वो बच गए. उनकी आपबीती और सरकार से क्या है उनकी मांग, सुनिए Earth शास्त्र के इस एपिसोड में अमन गुप्ता के साथ
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    16 m
  • नन्हे बाज अमुर फ़ाल्कन जिन्हें बचाने के लिए भारत से दुनिया सीख रही है: Earth शास्त्र, Ep 14
    May 13 2022
    अमुर फाल्कन बाज की एक दुर्लभ प्रजाति है. ये हर साल रूस के साइबेरिया से भारत आते हैं. यहां के नॉर्थ ईस्ट वाले इलाक़े में कुछ हफ्ते रुककर आगे बढ़ जाते हैं लेकिन कभी इस बीच इनका यहां खूब शिकार होता था लेकिन अब ये पूरी तरह समाप्त हो चुका है. कैसे आया ये बदलाव सुनिए इस प्रवासी पक्षी के संरक्षण की ड्राइव को लीड करने वाले वाइल्डलाइफ़ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सुरेश कुमार से, बात कर रहे हैं अमन गुप्ता.
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    41 m
  • बिना गूगल मौसम चेक करने का देसी तरीक़ा: Earth शास्त्र, Ep 13
    Apr 29 2022
    समय से पहले सर्दी, उम्मीद से ज्यादा गर्मी, बारिश या मॉनसून में देरी ये सब बहुत होने लगा है. मौसम विभाग के अनुमान भी अब पहले की अपेक्षा कम प्रमाणिक सिद्ध पाते हैं, तो मौसम चक्र में इतनी गड़बड़ी क्यों हो रही है? कौन से फ़ैक्टर्स मौसम में बदलाव के लिए ज़िम्मेदार हैं? किस आधार पर मौसम विभाग अनुमान देता है और कैसे कोई व्यक्ति अपने आस पास के क्षेत्र में मौसम को मॉनिटर कर सकता है? सुनिए 'Earth शास्त्र' में अमन गुप्ता के साथ भवताल संस्था के फ़ाउंडर अभिजीत घोरपड़े के साथ.
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    48 m
  • गंगा-यमुना साफ़ चाहिए तो पहले किन नदियों को साफ़ करना पड़ेगा: Earth शास्त्र, Ep 12
    Apr 22 2022
    हमारी नदियां मर रही हैं. नदियों पर न केवल प्रदूषण बल्कि इसके रास्ते में बदलाव, खत्म होती बायोडायवर्सिटी, बालू खनन और कैचमेंट एरिया के सिकुड़ने का भी असर पड़ा है. हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च करके भी गंगा,यमुना, ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदियां साफ़ नहीं हो पा रही हैं, तो इन्हें साफ़ किया कैसे जाए? विकसित देशों की तरह हमारे पास उतने संसाधन नहीं है तो क्या ये संभव हो पाएगा? ऐसे ही सवालों और नदियों की समस्याओं पर 'Earth शास्त्र' के इस एपिसोड में अमन गुप्ता बात कर रहे हैं नीर फ़ाउंडेशन के फ़ाउंडर 'नदीपुत्र' रमन त्यागी से.
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    40 m
  • पेड़ भी काटे जाएं और विकास भी होता रहे, क्या ये संभव है : Earth शास्त्र, Ep 11
    Apr 15 2022
    साल 2020-21 के दौरान सरकारी आंकड़ों के अनुसार 31 लाख पेड़ देश भर में काटे गए, वो भी सरकारों के निर्देश पर जबकि एक एक पेड़ आज के समय में कितना बेशक़ीमती है ये शायद बताना ज़रूरी नहीं है. लेकिन तेज़ विकास भी वक़्त की मांग है, तो दोनों चीज़ें साथ कैसे हों? क्यों सरकार कटवा देती है पेड़? इसके बदले में हमें क्या करने की ज़रूरत है ताकि संतुलन बना रहे? सुनिए 'Earth शास्त्र' के इस एपिसोड में अमन गुप्ता के साथ The Energy and Resources Institute (TERI), नई दिल्ली में सीनियर रिसर्च फ़ेलो और Centre for Forest Mgmt. & Governance में Area Convener डॉ. योगेश गोखले के साथ बातचीत.
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    43 m
  • IPCC ने क्यों कहा 2025 तक ग्रीन हाउस एमिशन जितना बढ़ा पाएं बढ़ा लें: Earth शास्त्र, Ep 10
    Apr 8 2022
    संयुक्त राष्ट्र की यूनिट है IPCC यानि इंटरगवर्नमेंटल पैनल फॉर क्लाइमेट चेंज की छठवीं रिपोर्ट के तीनों भाग आ चुके हैं. आईपीसीसी की रिपोर्ट्स का उद्देश्य दुनिया के नीति निर्माताओं को जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और खतरे से संबंधित वैज्ञानिक आकलन को समय-समय पर उपलब्ध कराना होता है. तो इस बार इस रिपोर्ट में किस तरह की पर्यावरणीय चुनौतियों का ज़िक्र है और क्या उनसे निपटने के तरीक़े सुझाए गए हैं? भारत के प्रयासों के संबंध में इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है? और विकसित देशों की विकासशील देशों के प्रति क्या ज़िम्मेदारी तय की गई है? सुनिए 'Earth शास्त्र' के इस एपिसोड में अमन गुप्ता के साथ साइंस और एन्वायरमेंट कवर करने वाले जर्नलिस्ट शिबू त्रिपाठी के साथ बातचीत.
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    33 m
  • जंगलों में न लगे आग तो ख़ुद भी लगानी पड़ती है: Earth शास्त्र, Ep 9
    Apr 6 2022
    फ़रवरी से जून के महीने के बीच अक्सर जंगलों में आग लगने की घटनाएं होने लगती हैं. तो जंगलों में आग लगती क्यों हैं? कैसे जंगलों की आग पर काबू पाया जाए? क्या जंगलों की आग के नुकसान ही हैं या इसके कुछ फ़ायदे भी हैं? क्यों कई बार जंगलों में खुद से आग लगानी पड़ जाती है? और क्या है जंगलों में लगी आग को आग लगाकर ही बुझाने का तरीक़ा. इन्हीं सब सवालों के जवाब मिलेंगे 'Earth शास्त्र' के इस एपिसोड में. सुनिए अमन गुप्ता के साथ मध्य प्रदेश में चीफ़ वाइल्डलाइफ़ वॉर्डन रहे रिटायर्ड IFS एच.एस. पाब्ला की बातचीत.
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    55 m
  • वाइल्डलाइफ़ प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन से जानवर बचेंगे या और मारे जाएंगे? : Earth शास्त्र, Ep 8
    Mar 25 2022
    17 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन के लिए बिल पेश किया गया. इस बिल की बातों को लेकर पर्यावरणविदों की चिंता है कि ये जंगली जानवरों के अवैध व्यापार को बढ़ावा देगा और इसके प्रावधान उनकी मौत का कारण बनेंगे. तो इस एक्ट के इन्हीं संशोधनों पर Earth शास्त्र के इस एपिसोड में अमन गुप्ता बात कर रहे हैं वाइल्डलाइफ़ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 बनाए जाते वक्त कृषि मंत्रालय में अवर सचिव रहे डॉ. एम.के. रंजीतसिंह और पूर्व आइएफएस अधिकारी और मध्य प्रदेश के पूर्व चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन एच.एस. पाब्ला के साथ.
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    54 m